बचपना
बच्चों के लिए सृजन का एक मंच
सोमवार, 30 सितंबर 2024
कविता शृंखला ' बचपन के कुछ खेल '
शनिवार, 30 मार्च 2024
मन माने की बात...




रविवार, 31 दिसंबर 2023
' बच्चे तो बचपना करेंगे...’
इसी रचना की संगीतमय दृश्य प्रस्तुति आप नीचे के लिंक पर क्लिक कर देख सुन और और सराह सकते है :
https://youtu.be/VY5QnmvRjKs?feature=shared
पुनः नववर्ष की शुभेक्षा सहित
~ प्रेम रंजन अनिमेष
बुधवार, 30 अगस्त 2023
माँ
'बचपना' में इस बार साझा कर रहा अपनी कविता ' माँ ’ जो बाल भवन, पटना से प्रकाशित मासिक पत्रिका 'बाल किलकारी' के मई 2023 अंक में आयी है । आशा है मन को भायेगी,,,
~ प्रेम रंजन अनिमेष
✍️ प्रेम रंजन अनिमेष
शनिवार, 29 जुलाई 2023
कविता संग्रह ' माँ के साथ ' से एक प्यारी सी कविता ' चन्द्रबिन्दी '
~ प्रेम रंजन अनिमेष
चन्द्रबिन्दी
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माँ
बिन्दी नहीं
माथे पर
चंद्रबिन्दी
लगाओ ना !
जैसे
सजाया करता मैं
हर बार
लिखते हुए
माँ...
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( आने वाले कविता संग्रह ' माँ के साथ ' से )
इसी की दृश्य श्रव्य प्रस्तुति इस लिंक पर देखी सुनी सराही जा सकती है :
✍️ प्रेम रंजन अनिमेष
बुधवार, 31 अगस्त 2022
माँ का व्रत...
'बचपना' में इस बार साझा कर रहा अपने आगामी बाल कविता संग्रह ‘आसमान का सपना’ से अपनी यह नन्ही प्यारी सी कविता ‘ माँ का व्रत... ‘ ! विश्वास है पसंद आयेगी
~ प्रेम रंजन अनिमेष
*माँ का व्रत*
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माँ इतने सारे व्रत मत कर
नाजुक अपनी सेहत मत कर
ध्यान सभी का तो धरती है
अपनी अनदेखी करती है
बाँटा करती सबको जीवन
खुद खोती जाती तन मन धन
ऐसी अपनी हालत
मत कर
और खराब तबीयत मत कर
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मंगलवार, 31 मई 2022
गरमी आई...
गरमी फिलहाल बहुत अधिक है ! सुनते हैं पारा इस बरस 130 सालों का कीर्तिमान पार कर गया । अभी तो सबको बारिश की भीनी फुहारों की प्रतीक्षा है । इसी पृष्ठभूमि में 'बचपना' में इस बार साझा कर रहा अपने आगामी बाल कविता संग्रह ‘आसमान का सपना‘ से अपनी यह नन्ही प्यारी सी कविता ‘ गरमी आई... ‘ । विश्वास है पसंद आयेगी
~ प्रेम रंजन अनिमेष
गरमी आई...
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गरमी आई गरमी आई
करती जम कर धूप सिंकाई
पेड़ दिया करते जो छाया
उनको इक इक कर कटवाया
माँ धरती का धानी आँचल
तार तार कर जलता निर्जल
दे किसकी इनसान दुहाई
उसकी ही यह आग लगाई
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✍️ प्रेम रंजन अनिमेष