‘बचपना’ के मंच इस बार प्रस्तुत कर रहा अपनी इसी शीर्षक की रचना ‘ बच्चे तो बचपना करेंगे...’ । विश्वास है पसंद आयेगी।
आने वाले नववर्ष की ढेरों शुभकामनाओं सहित
~ प्रेम रंजन अनिमेष
बचपना...
~ प्रेम रंजन अनिमेष
बच्चे तो बचपना करेंगे
आप कहाँ तक मना करेंगे
धूप हवा से करते बातें
आँसू ओस में छना करेंगे
जिस मिट्टी से बना है सब कुछ
उसकी धूल में सना करेंगे
हर मुश्किल से टकरायेंगे
टूटेंगें फिर बना करेंगे
पलकों में जिनकी पलते सपने
सच का भी सामना करेंगे
तन के इतने ताने बाने
मन को क्यों अनमना करेंगे
ये वो खिलौने हैं गिर कर जो
उठ कर ख़ुद फिर तना करेंगे
धन साधन कुछ हो कि नहीं हो
साध है तो साधना करेंगे
कितना भी परिवेश अराजक
जो सर्जक सर्जना करेंगे
हम तो अभावों के भीतर भी
भावों की संभावना करेंगे
कुछ करने से ही होगा कुछ
कब तक बस प्रार्थना करेंगे
दोस्त हो या दुश्मन कोई भी
शुभ की ही कामना करेंगे
दुख की कोख भले हों शायर
जग के लिए सुख जना करेंगे
सच सपनों को जोड़ के 'अनिमेष'
रचा नया सचपना करेंगे
प्रेम रंजन अनिमेष
इसी रचना की संगीतमय दृश्य प्रस्तुति आप नीचे के लिंक पर क्लिक कर देख सुन और और सराह सकते है :
https://youtu.be/VY5QnmvRjKs?feature=shared
पुनः नववर्ष की शुभेक्षा सहित
~ प्रेम रंजन अनिमेष
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