इसी रचना की संगीतमय दृश्य प्रस्तुति आप नीचे के लिंक पर क्लिक कर देख सुन और और सराह सकते है :
https://youtu.be/VY5QnmvRjKs?feature=shared
पुनः नववर्ष की शुभेक्षा सहित
~ प्रेम रंजन अनिमेष
इसी रचना की संगीतमय दृश्य प्रस्तुति आप नीचे के लिंक पर क्लिक कर देख सुन और और सराह सकते है :
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पुनः नववर्ष की शुभेक्षा सहित
~ प्रेम रंजन अनिमेष
'बचपना' में इस बार साझा कर रहा अपनी कविता ' माँ ’ जो बाल भवन, पटना से प्रकाशित मासिक पत्रिका 'बाल किलकारी' के मई 2023 अंक में आयी है । आशा है मन को भायेगी,,,
~ प्रेम रंजन अनिमेष
✍️ प्रेम रंजन अनिमेष
~ प्रेम रंजन अनिमेष
चन्द्रबिन्दी
ꣲଁ
µ
माँ
बिन्दी नहीं
माथे पर
चंद्रबिन्दी
लगाओ ना !
जैसे
सजाया करता मैं
हर बार
लिखते हुए
माँ...
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( आने वाले कविता संग्रह ' माँ के साथ ' से )
इसी की दृश्य श्रव्य प्रस्तुति इस लिंक पर देखी सुनी सराही जा सकती है :
✍️ प्रेम रंजन अनिमेष