'बचपना' में इस बार साझा कर
रहा प्रकाशन विभाग, नयी दिल्ली से प्रकाशित अपने बाल कविता संग्रह ‘माँ
का जन्मदिन’ से अपनी यह कविता ‘ मेल मिताई
‘ । विश्वास है बहुत पसंद आयेगी
~ प्रेम रंजन अनिमेष
मेल मिताई
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भाई भाई नहीं लड़ाई
रखना
सबसे मेल मिताई
वो
जिनमें रहता है एका
उनका रास्ता किसने छेंका
आपस में गर फूट
पड़ेगी
सारी दुनिया लड़े भिड़ेगी
होगी चारों ओर हँसाई
देखो
कैसी ताल मिलाई
✍️ प्रेम रंजन अनिमेष
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