'बचपना' में इस बार प्रस्तुत कर रहा
अपनी एक नन्ही सी कविता ' सही ’ ।
विश्वास है पसंद
आयेगी ।
शुभकामनाओं सहित
~ प्रेम रंजन अनिमेष
µ
सही
गलती बड़ी हो गयी
छोटे बच्चे से
बड़ी ई से
लिख दिया उसने
इनसान
और ईश्वर
छोटी इ से
शिक्षक ने देखा
सिर हिलाते हुए
इस बचकानेपन पर
कलम उठायी
काट कर सुधारने के
लिए
फिर कुछ सोचा
और रहने दिया...
( आगामी कविता संग्रह ' अवगुण सूत्र ' से )
✍️ प्रेम रंजन अनिमेष
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