गुरुवार, 28 मार्च 2019

जीवन सत





बचपना में इस बार प्रस्तुत कर रहा अपनी कविता जीवन सत ’ !
आशा है पसंद आयेगी
                       ~ प्रेम रंजन अनिमेष

जीवन सत     

µ


देवलाल
था ग्वाल
बड़ा गोपाल


माड़ लेने
नित घर घर
जाता


गायों
और नये जायों को अपने
वही पिलाता


ताकि दूध
औरों की खातिर रहे


कथा यह सुन ली
अब कुछ कहें




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