‘बचपना’ में इस बार प्रस्तुत कर रहा अपने आनेवाले बाल कविता संग्रह ‘आसमान
का सपना’ से अपनी कविता ‘प्रकाश
की ओर’ !
आशा
है पसंद आयेगी
~ प्रेम रंजन अनिमेष
प्रकाश की ओर
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जगमग घर हो जगमग ऑंगन
जगमग अग जग जगमग जीवन
सूरज चॉंद सितारे
दीपक
ले जायें रोशनी सभी तक
धरा गगन तक रचे रँगोली
गूँजे नेह नहायी बोली
भरा हुआ हो सबका दामन
मिला जुड़ा मन से हर इक
मन
प्रेम रंजन अनिमेष