सोमवार, 29 जुलाई 2019

भोर विभोर



'बचपना' में इस बार प्रस्तुत कर रहा अपने आने वाले बाल कविता संग्रह  'मीठी नदी का मीठा पानी' से अपनी यह नन्ही प्यारी सी कविता ' भोर विभोर ' !

आशा है पसंद आयेगी 

                                                                        ~ प्रेम रंजन अनिमेष 

भोर विभोर

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दुनिया देदीप्यमान 
देश उदीयमान...!




मुन्ना मन में मान 
सोया सुबह सुबह सपनों की चादर तान 




जबकि सिर पर चढ़ आया 
सूरज सा फिर इम्तिहान... !