गुरुवार, 27 सितंबर 2018

सतरंग शतरंग




बचपना में इस बार प्रस्तुत कर रहा अपनी कविता सतरंग शतरंग’ !
आशा है पसंद आयेगी
                        ~ प्रेम रंजन अनिमेष

सतरंग शतरंग   

µ


आसमान का रंग
आसमानी
तो धरती का क्या –
धानी ?


फिर वह क्यों नहीं
इन्द्रधनुष का हिस्सा  ?


जरूर दिलायेगा
उसे उसकी जगह


सोचता बच्चा


सुन ऊँची सोच उसकी 
मुसकुराता 
सतरंग भी 
शतरंग होता हुआ...