बचपना
बच्चों के लिए सृजन का एक मंच
शुक्रवार, 27 जुलाई 2018
जागरण का गान
‘
बचपना
’
में इस बार प्रस्तुत कर रहा अपनी यह नन्ही सी कविता
‘
जागरण का गान
’ !
आशा है पसंद आयेगी
~
प्रेम रंजन अनिमेष
जागरण का गान
µ
सुबह सुबह मधुस्वर चिड़ियों के
हिलमिल यही सँदेशा देते
वे ही जग में आगे बढ़ते
जो सूरज के सँग हैं जगते
या उससे भी पहले पहले
…
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