जातेे साल को शुभ विदा कहते और
आने वाले नववर्ष का शुभ स्वागत करते ‘बचपना’ में इस बार प्रस्तुत कर रहा अपनी यह नन्ही
कविता ‘अगवानी’...
~ प्रेम रंजन अनिमेष
अगवानी
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जाने
वाले को यूँ ही नहीं जाने देना
यही
तो बीते समय ने सिखलाया
जाया
नहीं होने दिया कैलेंडर पुराना
उसके
पन्नों की लगा ली जिल्द
आने
वाले साल की किताबों पर...
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