‘बचपना’ में हर महीने
बच्चों के लिए अपनी कोई कविता प्रस्तुत करता रहा हूँ । इस बार साझा कर रहा यह नन्ही सी कविता ‘हूँ मैं क्या...’ जो बचपन में पढ़ी अंग्रेज कवि
टेनिसन की पंक्तियों से प्रेरित है
~ प्रेम रंजन अनिमेष
हूँ मैं क्या !
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लेकिन हूँ मैं क्या...?
रात में रोता हुआ बच्चा
रोशनी को तड़पता बच्चा
पास जिसके है नहीं भाषा
इस रुदन के सिवा...!
sach baat kahi
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