‘बचपना’ में अपनी कविता ‘एक बच्चे की प्रस्तावना’ आपके सामने रख रहा हूँ इस
बार
~ प्रेम
रंजन अनिमेष
एक बच्चे की प्रस्तावना
µ
कहूँगा
तो क्या
सब संकल्प एक लेंगे...?
मिलकर
मिटा देंगे
अपनी भाषा
अपने व्यवहार से
अपने जीवन
अपने संसार से
गाली
माँ
बहन
बेटियों
वाली...?
Thanks for a wonderful poem.
जवाब देंहटाएंSatish Solankurkar
बहुत धन्यवाद ! सहयोग समर्थन बनाये रखेंगे !
हटाएंबहुत खूब।
जवाब देंहटाएंआभार ! इसी तरह स्नेह बनाये रखेंगे !
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