सोमवार, 31 अगस्त 2020

गुरुजनों के प्रति



डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की स्मृति में उनके जन्मदिन पाँच सितम्बर को हमारे यहाँ  शिक्षक दिवस के रूप में मनाया  जाता है। यह दिन अपने गुरुजनों को सादर स्मरण करने का सुअवसर है ।  तो सोचा क्यों न 'बचपना' के मंच पर इस बार साझा की जाये गुरुजनों को समर्पित अपनी यह कविता : 'गुरुजनों के प्रति'

                                        ~  प्रेम रंजन अनिमेष

गुरुजनों के प्रति
 

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ब्रह्मा   विष्णु   महेश   हैं  गुरुजन

सच अति सहज विशेष हैं गुरुजन
 

ज्ञान   शलाका  से    खोल  आँखें 

भरते  उजास अशेष   हैं  गुरुजन
 

उँगली   पकड़    सिखाते  चलना

पथ  हैं  और  परिवेश  हैं गुरुजन
 

यह  तन  क्या   माटी  का  पुतला 

इसमें   प्राण  प्रवेश   हैं   गुरुजन
 

जीवन   के   वन  में   जी  भटका

बोध   दिशा  निर्देश   हैं   गुरुजन
 

मन    मानस    अंतरतम   निर्मल  

जागृत   हृदय  प्रदेश   हैं  गुरुजन

 
तोड़  के  बंधन  काट के  उलझन

हरते   सारे   क्लेश    हैं   गुरुजन

 
भव के  भँवर से  तार के तट तक

लाते    खींचे    केश   हैं   गुरुजन
 

उन  बिन  जायें   और  कहाँ  हम 

देश  आदेश  उपदेश  हैं  गुरुजन
 

नृप   अधिपति    बहुतेरे   जग  में 

सर्व   सुलभ   सर्वेश   हैं   गुरुजन
 

सब   मंगल  कल्याण  के  कारक

हर शुभ  का  श्रीगणेश  हैं गुरुजन
 

पुण्य   सुफल    सारे   जन्मों   का 

सत का  सकल निवेश  हैं गुरुजन
 

पीर   फ़क़ीर  अमीर  हैं   मन  के

जोगी   दिल  दरवेश   हैं  गुरुजन
 

इस  असार  संसार  में   'अनिमेष'

मधुमय   प्रेम  संदेश   हैं   गुरुजन
 
                ~  प्रेम रंजन अनिमेष