देश
और विश्व जिस परीक्षा से इस समय गुजर रहा है
उससे और
निखर कर
उत्तीर्ण हो इस कामना और शुभेक्षा के साथ ‘बचपना’ में
इस बार प्रस्तुत कर रहा अपनी यह कविता नन्ही सी 'कविता का कीड़ा'
~ प्रेम रंजन अनिमेष
कविता का कीड़ा
µ
तेजी
से फैल रहे
वायरस
पर
कवि
ने
लिखी
कविता
जो
उससे भी
तेजी से
दुनिया
भर में... !
प्रेम रंजन अनिमेष