‘बचपना’ में इस बार प्रस्तुत कर रहा अपने आनेवाले बाल कविता संग्रह ‘मीठी नदी
का मीठा पानी’ से अपनी यह
प्यारी प्यारी सी कविता ‘नई
तैयारी’ !
आशा है
पसंद आयेगी
~ प्रेम रंजन
अनिमेष
नई तैयारी
µ
कान पर रख जई
गया चैत
बसंत पहले ही
शीत
तो कबकी
बीत गई
अब आँखों में
काजल डाले
आया मई
सुरमई
जेठ जून
कर रहा जलखई
खूब परीक्षा हुई
अभी छुट्टियाँ
गरमी वाली भई
आगे शाला खुलते ही
किताबें नई
बस्ता पोशाक जुराबें नई
बात नई
जमात नई
चुनौतियाँ कई
नई नई
और खुशियाँ भी तो
नई नई
लई लई लई लई लई लई...
प्रेम रंजन अनिमेष