आज बाल दिवस है । और मेरे दोनों बच्चों का जन्मदिन
भी ! प्यारे जुड़वा !! अभिनव अनुभव !! आज वे चौदह वर्ष के हुए । तो 'बचपना' में इस बार अपने
दूसरे कविता संग्रह से यह कविता 'जन्मदिन' अभिनव उन्मेष और अनुभव उत्कर्ष के लिए
अनगिन जन्मदिन की अनगिन शुभकामनाओं के साथ... घर परिवार बंधु बांधव मीत सखा स्वजनों
परिजनों में जो धैर्य शौर्य की तरह
भी जाने जाते हैं...
~ प्रेम रंजन अनिमेष
जन्मदिन
जन्मदिन
µ
वह पहली रुलाई
पहले बोल
माँ का पहला परस
पहले पय की पहली बूँद का आस्वाद
पहली किलक
पहली पुलक
पहला स्वप्न
पहली बेचैनी
मुँह लगी पहली मिट्टी
पहला अन्न अक्षर पहला
लिख कर रख लो
सँजो लो
सब कहीं
जब पहचान कर मुसकुराया
तुम हो कौन बतलाया
जब सरका पहले पहल
पलटा बैठा उठा
वह गिरना पहली बार सँभलना
मचलना अपने आप बहलना
अंकित कर लो सारे क्षण
जिस दिन पकड़ना आया
और उठाना
जिस दिन बाँटना सीखा
और छुपाना
पहला दाँत पहली काट
पहला झूठ पहली चोट
पहला पाठ पहली डाँट
पहला मोह
प्रथम बिछोह
पहला दर्द
पहला चाँद
पहली याद...
एक नहीं
कई जन्मदिन है बच्चे के
और हर अपने आप में
एक अभिनव अनुभव...!
~ प्रेम रंजन अनिमेष