ज्योतिपर्व दीपावली की ढेरों शुभकामनाओं के साथ 'बचपना' में इस बार
आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा अपनी यह कविता 'आतिशबाजियाँ बनाने वाला
बच्चा'
~ प्रेम रंजन अनिमेष
~ प्रेम रंजन अनिमेष
आतिशबाजियाँ बनाने वाला बच्चा
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रंग
रोशनी और आवाज़ सजा
औरों
के लिए आतिशबाजियाँ बनाने वाला बच्चा
कौन
जानता उसके हिस्से अँधेरा कितना
और उस
अँधेरे में कितना सन्नाटा
कितना
कोरा उसके जीवन का पन्ना
कौन इस अँधेरे से उसे छुड़ाएगा
उसके
घर दिया कौन जलाएगा... ?