‘बचपना’ में इस बार प्रस्तुत कर रहा अपनी यह कविता ‘अकार’
~ प्रेम
रंजन अनिमेष
अकार
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सरे बाजार
देख चमचमाती खिलौना कार
कौतुक करता
समझाता अपने को
बच्चा समझदार
हर किसी को क्यों
चाहिए कार
जबकि वर्णमाला में
आता सबसे पहले
अकार...!