गुरुवार, 16 जून 2016

पानी का रंग

बचपना’  में इस बार प्रस्तुत कर रहा अपनी यह कविता  ‘पानी का रंग’...

                                     प्रेम रंजन अनिमेष


पानी का रंग
 



पानी  का  हिलना
पानी  का मिलना
पानी  का  खुलना
पानी  का खि‍लना


पानी  का  कँपना
पानी  का  तपना
पानी  का  अपना
पानी  सा  सपना


पानी  का  पड़ना
पानी  का  बढ़ना
पानी  का  चढ़ना
पानी  का  गढ़ना


पानी  का घर ना
पानी  का  झरना
पानी  का  भरना
पानी  का  तरना



पानी का यह संग
जीवन का है अंग
जीनेे  का  है ढंग
पानी का  यह रंग...!